हरदा विधायक डॉ. दोगने द्वारा विधानसभा में उठाया एम.डी ड्रग एवं अवैध शराब का मुद्दा

हरदा विधायक डॉ. दोगने द्वारा विधानसभा में उठाया एम.डी ड्रग एवं अवैध शराब का मुद्दा

हरदा / हरदा विधायक डॉ. रामकिशोर दोगने द्वारा मध्य प्रदेश विधानसभा भोपाल में विधानसभा सत्र के दौरान हरदा जिले में खुले-आम बिक रहे एम.डी. ड्रग एवं अवैध शराब के मुद्दे को जोर-जोर से उठाया व इस पर पूर्ण तरह से प्रतिबंध लगाए जाने की मांग सरकार से की साथ ही अन्य जनहितेशी मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित कराया।

हरदा विधायक डॉ. दोगने द्वारा सदन में कहां गया कि नशे से पूरा प्रदेश परेशान है। इसके कारण से पीढ़ियां बर्बाद हो जाती है परंतु सरकार की नाकामी के कारण नशीले मादक पदार्थ खुलेआम बिक रहे है। मेरे हरदा जिले में भी एम.डी. ड्रग नामक नशीला पदार्थ खुलेआम बिक रहा है उससे काफी लोग परेशान है यह बहुत महंगा है और नाबालिक बच्चों, युवाओं को कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा आसानी से उपलब्ध कराया जा रहा है। गांव में भी घर-घर अवैध दारू बिक रही है परंतु सरकार इस और ध्यान नहीं दे रही है। ग्रामीणजनों द्वारा एवं मेरे द्वारा भी कई बार शिकायतें की गई परंतु प्रशासन के कान में जु तक नहीं रेंगी। यदि नशीले पदार्थ नशीले मादक पदार्थ की बिक्री पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया जाएगा तो लोगों के घर बर्बाद होने से बच जाएंगे।
इसके पश्चात विधायक द्वारा कहा गया कि हरदा जिला छोटा जिला है परंतु सरकार द्वारा इसकी ओर ध्यान नहीं दिया जा जाता है हरदा जिले में कोई बड़ा उद्योग नहीं है। हरदा जिले में फसल बहुत अच्छी होती है इस हेतु यहां पर फूड इंडस्ट्रीज लगाई जा सकती है। इसके लिए पर्याप्त जगह भी उपलब्ध है। यदि यहां औद्योगिक क्षेत्र डेवलप किया जाएगा, तो लोगों को रोजगार मिलेगा फसल की अच्छी पैदावार होगी। गेहूं, मूंग, चना, सोयाबीन फसल से संबंधित उद्योग लगेंगे तो निश्चित ही गांव के लोगों को फायदा होगा और हमे उक्त फसलो को विदेशों में भी एक्सपोर्ट करने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही कमलनाथ सरकार द्वारा पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक छुट्टी देने की बात की थी और उनको बीच-बीच में छुट्टी देने की सुविधा उपलब्ध भी कराई गई थी परंतु उसे बंद कर दिया गया कानून व्यवस्था की संपूर्ण जिम्मेदारी पुलिस कर्मियों के ऊपर रहती है इसलिए उनके रहने के लिए उत्तम आवास और साप्ताहिक छुट्टी की सुविधा उन्हें मिलना चाहिए। जिससे कि कार्य का अतिरिक्त बोझ उनके ऊपर ना हो। यदि हम नर्मदा घाटी विकास विभाग की बात करें तो हमारे यहां तवा और पुनासा डैम है। हरदा जिले में 29 गांव डूबे थे खंडवा जिले के लोग पुनासा डैम में डूब में आए थे और वह विस्थापित हुए थे परंतु डूब प्रभावित लोगों को सरकार द्वारा कोई सुविधा नही दी गई है उन्हें आज तक पट्टे नहीं मिले है। उन्हें शासकीय योजना के अंतर्गत पट्टे दिए जाएं। जिससे वह ठीक तरह से विस्थापित हो सके और अपना कार्य कर सके लोकल प्रशासन उन्हें बार-बार इधर-उधर कर देता है। कभी उनका मकान तोड़ दिया जाता है तो कभी किसी योजना के नाम पर उनकी जमीन छीन ली जाती है, जो कि गलत है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार घोषणा करने के उपरांत भी हरदा जिले में कृषि महाविद्यालय नहीं खोला जा रहा है। हरदा जिला कृषि प्रधान जिला है, वर्तमान में हरदा जिला पंजाब की तरह है। उसे मिनी पंजाब कहा जाता है। इस हेतु यदि यहां कृषि महाविद्यालय खोला जाता है तो लोगों को एवं कृषि के विषय में रुचि रखने वाले बच्चों को सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही यदि हरदा जिले में मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा तो लोगों को सुविधा मिलेगी अभी हरदा जिले में 250 बिस्तरों का अस्पताल है। यदि उसे 300 बिस्तरों का किया जाएगा, तो मरीजों को और भी सुविधा मिलेगी।

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